Breaking News

माता कात्यायनी की उपासना से रोग, भय और संताप का होगा नाश https://ift.tt/2TfbRfD

महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदि-शक्ति ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था, इसलिए वे कात्यायनी कहलाती हैं। स्कंद पुराण के अनुसार मां कात्यायनी परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से उत्पन्न हुई थीं ।

स्वरूप

माता कात्यायनी का भी वाहन सिंह है। इस पर आरूढ़ होकर उन्होंने महिषासुर का वध किया। इनकी दो भुजाएं अभय मुद्रा और वर मुद्रा में हैं। अन्य दो भुजाओं में खड्ग और कमल है।

महत्त्व

मां कात्यायनी की पूजा से रोग, शोक, संताप, भय का नाश होता है।

पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) की डायरेक्टर डॉ. प्रिया अब्राहम कोरोना रूपी महिषासुर के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले सबसे प्रमुख वैज्ञानिकों में से एक हैं। उन्होंने न केवल भारत में सबसे पहले कोरोना वायरस को आइसोलेट किया, बल्कि पूरे देश में इस संक्रमण की जांच के लिए लेबोरेट्रीज का जाल बिछाया।

भारत में 30 जनवरी 2020 को कोरोना संक्रमण का पहला केस कन्फर्म हुआ। उस समय पूरे देश में केवल एनआईवी में ही कोरोना की जांच होती थी। यह देश की सबसे बड़ी हेल्थ रिसर्च बॉडी आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) का इंस्टीट्यूट है। इस घटना से करीब दो महीने पहले यानी नवंबर में ही डॉ. प्रिया अब्राहम ने एनआईवी डायरेक्टर की कुर्सी संभाली थी।

तब देश के वैज्ञानिकों पर दबाव था कि कोरोना वायरस पर शोध करके उसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाएं। ऐसे में उनके सामने दो बड़े लक्ष्य थे। पहला- नोवेल कोरोना वायरस को आइसोलेट करना। ताकि उसकी दवा और वैक्सीन तैयार की जा सके। दूसरा-पूरे देश में कोरोना टेस्ट के लिए लैबोरेट्रीज को तैयार करना।

कोरोना रूपी राक्षस के खिलाफ यह दोनों काम डॉ. प्रिया अब्राहम की अगुवाई में किए गए। उन्होंने मार्च में ही कोरोना वायरस को आइसोलेट कर लिया। भारत के लिए यह बड़ी उपलब्धि थी। वहीं, कोरोना की जांंच के लिए 13 लेबोरेट्रीज के वॉयरोलॉजिस्ट और अन्य कर्मचारियों की ट्रेनिंग शुरू की गई।

आज देश में करीब 1114 सरकारी और 839 प्राइवेट लैब हैं। इनमें रोज करीब 10 लाख कोरोना सैंपल्स की जांच होती हैं। देश में अब तक करीब 9.7 करोड़ सैंपल्स की जांच हो चुकी हैं। इस दौरान सभी सरकारी लैब्स में जांच किट व अन्य जरूरी उपकरण पहुंचाने का काम भी डॉ. प्रिया की टीम ने किया। इसमें करीब 10 सदस्य थे। उन्होंने सभी लैब को एक वॉट्सऐप ग्रुप से जोड़कर उनके काम की रियल टाइम मॉनिटरिंग की।

घरवालों से दो माह बात तक नहीं कर सकीं

कोरोना काल के शुरुआती दौर की इस बड़ी कवायद के दौरान डॉ. प्रिया तमिलनाडु के वेल्लोर में मौजूद अपने परिवार के किसी भी सदस्य करीब दो महीने तक बात नहीं कर सकीं। मूल रूप से केरल के कोट्टयम की रहने वाली डॉ. प्रिया ने इस बीच अपनी सभी हॉबीज जैसे बागवानी और किताबें पढ़ना भी छोड़ दिया था।

डॉ. प्रिया याद करती हैं कि कभी-कभी तो एक-दो दिन में ही देश की तमाम लैबोरेट्रीज तक कोरोना जांच के काम आने वाले 5 लाख रीजेंट पहुंचाने पड़ते थे। वह भी लॉकडाउन के दौरान। न कोई ट्रक, न ट्रेन और न विमान। ऐसे में माल ढोने वाले विशेष विमानों और वायुसेना के विमानों से ही यह सब लैबोरेट्रीज तक पहुंचाते थे।

कई बार को यह सामान हवाई अड्डों तक पहुंचाना भी एक चुनौती बन जाता था। मगर उन्‍होंने अपनी टीम के साथ बखूबी इस काम को अंजाम दिया। एक अमेरिका को छोड़ दें तो कोरोना की कुल जांचों के मामले में आज भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर खड़ा है।

डॉ. मीनल धकावे

डॉ. मीनल धकावे भोसले: पहली स्वदेशी कोरोना जांच किट बनाई, विदेशी किटों से कीमत आधी

पुणे स्थित मॉल्यूक्यूलर बॉयोलॉजी फर्म ने देश में बनी पहली कोरोना वायरस टेस्टिंग किट तैयार कर ली। यह केवल ढाई घंटे में नतीजे देती है। इसकी कीमत भी इम्पोर्टेड किटों से काफी कम, करीब 1200 रुपए है। इस किट को तैयार करने वाली माइलैब की रिसर्च एंड डवलपमेंट प्रमुख डॉ. मीनल धकावे भोसले ही हैं।

सबसे बड़ी बात यह है कि डॉ. मीनल ने यह रिसर्च गर्भावस्था के दौरान की। उन्होंने 18 मार्च को अपनी किट नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) को सौंपी और अगले दिन एक प्यारी सी बेटी को जन्म दिया।

डॉ.निवेदिता गुप्ता

डॉ. निवेदिता गुप्ता: कोरोना की जांच और इलाज का प्रोटोकॉल किया तैयार

देश में कोरोना के इलाज और टेस्टिंग के प्रोटोकॉल तैयार करने में आईसीएमआर की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. निवेदिता की अहम भूमिका है। उनकी अगुवाई में ही आईसीएमआर ने यह दोनों प्रमुख काम किेए। कहा जा सकता है कि देश में कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की ऊंची दर के पीछे डॉ. निवेदिता की खास रोल है। आईसीएमआर के लिए लेबोरेट्रीज का नेटवर्क स्थापित करने वाली टीम में भी डॉ. निवेदिता का बड़ा योगदान था।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Maa katyayani Navratri 2020 Day 6 Devi Puja Significance and Importance | Facts On Pune


कोई टिप्पणी नहीं