चेन्नई की प्लानिंग गड़बड़, नए टैलेंट को देर से लाए https://ift.tt/2HvJozB
चेन्नई सुपरकिंग्स का इतनी जल्दी बाहर होना आईपीएल 2020 की बड़ी कहानी है। टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। इसे कुछ इस तरह से समझा जा सकता है- चेन्नई ने लीग की शुरुआत अच्छी की। पिछले सीजन की रनरअप टीम ने मुंबई को 5 विकेट से हराया। इसके बाद केवल दो मैच जीत सकी है।
लीग में कई टीमें संघर्ष कर रही हैं। लेकिन चेन्नई एकमात्र टीम रही, जिसमें ऊर्जा की कमी दिखी। इस कारण इंडिविजुअल प्रदर्शन भी प्रभावित हुआ। टीम को तीन जीत रुक-रुक कर मिली। इंडिविजुअल और सामूहिक तौर पर यह टीम का सबसे खराब सीजन रहा। इस कारण तीन बार की विजेता और पांच बार की रनरअप टीम पहली बार प्लेऑफ में जगह नहीं बना सकी।
टीम के इतने खराब प्रदर्शन के कई कारण है? टीम की बल्लेबाजी और गेंदबाजी नहीं चली। फील्डिंग ने और झटका दिया। प्रमुख खिलाड़ियों का प्रदर्शन कमजोर रहा या वे चोटिल हो गए। युवाओं को तैयार नहीं किया गया। टीम को तैयार करने में कई चीजें मायने रखती हैं। इसमें टीम का चयन, खिलाड़ियों के बीच आपसी समझ, रणनीति, कप्तानी, सपोर्ट स्टाफ और मैनेजमेंट का निर्णय शामिल है। इन सबके बारे में विस्तार से बात किए बिना भी चेन्नई के खराब प्रदर्शन को देखा जा सकता है। टीम ने आगे की प्लानिंग नहीं की। एक बढ़ती उम्र वाली टीम आगे एक समस्या बन सकती है।
टीम ने नए टैलेंट को लाने में देरी की। चेन्नई के अधिकतर खिलाड़ी लगातार नहीं खेल रहे हैं। शुरुआत धोनी से होती है। वाटसन, रायडू, ब्रावो और ताहिर भी। कोरोना ने इसे और पेचीदा बना दिया, क्योंकि अधिकतर खिलाड़ी इस दौरान मैदान से दूर रहे। ऐसा सभी टीमों के साथ था। लेकिन सबसे ज्यादा चोट चेन्नई को लगी। रैना और हरभजन की अनुपस्थिति ने भी नुकसान पहुंचाया। उनकी जगह दूसरे खिलाड़ियों को क्यों नहीं चुना गया। मौजूदा सीजन में जडेजा, कर्ण शर्मा और चावला की तिकड़ी 14 विकेट ही ले सकी। बल्लेबाजी में वाटसन और रायडू ने कुछ अच्छी पारी खेली, लेकिन वे लगातार ऐसा नहीं कर सके। इसके अलावा यह पहला सीजन रहा जिसमें धोनी की एक या दो शानदार पारी नहीं देखने को मिली। चेन्नई का इतिहास शानदार रहा है। अगला सीजन मार्च में शुरू होगा। ऐसे में चेन्नई का वर्जन 2.0 पहले के वर्जन 1.0 की तरह मजबूत हो सकता है।
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