देश की 10 फीसदी आबादी तक फिल्मों को लेकर जाते हैं सिनेमाघर, हर व्यक्ति एक साल में अलग भाषाओं की सात फिल्में देखता है https://ift.tt/2GognWe
सिनेमाघरों के खुलने को लेकर राज्य सरकारों की परमिशन की इजाजत का इंतजार सब कर रहे हैं। इसी बीच सिनेमाघरों की ताकत का अंदाजा एक रिसर्च से पता चला है। वह यह कि सिनेमाघर देश की 10 फीसदी आबादी तक फिल्मों को लेकर जाते हैं। तकरीबन 14 करोड़ और 6 लाख लोग कम से कम एक फिल्म देखते हैं। सिनेमाघरों में जाने की आदत सबसे ज्यादा साउथ के लोगों में है। मीडिया कंसल्टिंग फर्म ऑरमैक्स मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में यह बात की है। हर इंसान साल भर में विभिन्न भाषाओं की सात फिल्में औसतन देखता है।
- सिनेमाघरों तक पहुंच रखने वालों का 58% हिस्सा शहरी भारत से आता है। ग्रामीण क्षेत्रों में भारत की 69% आबादी रहती है, लेकिन थिएटर जाकर फिल्म देखने वालों में उसका हिस्सा सिर्फ 42% है, क्योंकि उन क्षेत्रों में थिएटर्स की संख्या कम है।
- भारत की 52% पुरुष आबादी थिएटर जगत में 61% का योगदान करती है। देश में सिनेमाघर जाने वालों की औसत आयु 27.5 वर्ष है।
- हिंदी (51%), तेलुगु (21%), तमिल (19%) और हॉलीवुड (डब वर्जन्स सहित 15%) शीर्ष 4 भाषाएं हैं, जिनमें भारत के सिनेमाघरों में फिल्में देखी गई हैं।
ऑरमैक्स मीडिया के संस्थापक और सीईओ शैलेश कपूर ने कहा- “सिनेमाघर जाकर फिल्म देखने वाले भारतीय दर्शकों के बारे में अब तक के उपलब्ध डेटा की गुणवत्ता बहुत खराब रही है। 14.6 करोड़ दर्शकों वाले भारत के थिएटर जगत का आकार इतना बड़ा तो है कि वह डेटा की बेहतर गुणवत्ता का हक रखता है। भारत जैसे विविधतापूर्ण और बहुभाषी देश में, ऐसे डेटा का अभाव कंटेंट और मार्केटिंग रणनीतियों की योजना बनाते वक्त स्टूडियो और स्वतंत्र निर्माताओं के लिए राहें सीमित करने वाला अहम कारक हो सकता है। हालांकि हमें विश्वास है कि यह सिनेमाघरों से जुड़े व्यवसाय के विभिन्न स्टेकहोल्डर्स को ज्यादा जानकारियों के आधार पर बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगा।"
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
कोई टिप्पणी नहीं