हर दूसरे व्यक्ति का टेस्ट कराया, 90% मरीज स्वस्थ हुए; विदेशी यात्रियों की एयरपोर्ट पर टेस्टिंग होती है https://ift.tt/3kLkXNC
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने कोरोना संकट से कड़ा मुकाबला किया है। करीब 98.9 लाख की आबादी वाले इस देश में 29 जनवरी को कोरोना का पहला मरीज मिला था। सरकार अब तक 57.70 लाख लोगों यानी देश के हर दूसरे व्यक्ति का कोरोना टेस्ट करा चुकी है। इससे जल्द नए मरीज मिलते गए और उनका समय पर इलाज होता गया।
लॉकडाउन, रात के कर्फ्यू, उड़ानों पर रोक, स्कूल-कॉलेजों में ऑनलाइन शिक्षा, सैनिटाइजेशन और सार्वजनिक स्थानों में कोविड-19 सेंटर जैसे कदमों ने भी अहम भूमिका निभाई। यूएई में 57,193 यानी 90% मरीज ठीक हो चुके हैं। अब तक 63,212 मरीज मिले हैं। 358 मौतें हो चुकी हैं।
पड़ोसी देशों में संक्रमण ज्यादा
यूएई मध्य-पूर्व में है। खास बात यह है कि इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित देश ईरान से ज्यादा टेस्ट यूएई में किए गए हैं। ईरान में 27.88 लाख टेस्ट किए गए। ईरान की आबादी 8.38 कराेड़ है। यहां कोरोना के 3,36,324 मरीज मिले हैं, जबकि 19,162 मौतें हुई हैं। यूएई में विदेशी यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर टेस्ट के इंतजाम हैं।
सरकार का कहना है कि जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आएगी, वो देश में कहीं भी घूम सकेंगे। 150 होटलों को कोविड सेफ का दर्जा दिया गया है। विदेशी पर्यटक यहां बेफिक्र होकर ठहर सकते हैं। होटल विशेषज्ञ पॉल ब्रिजर कहते हैं कि वर्ल्ड ट्रेड काउंसिल ने दुबई को सुरक्षित पर्यटन शहर का दर्जा दिया है। दुबई टूरिज्म ने भी ‘रेडी वेन यू आर’ अभियान चलाया। इसका मकसद विदेशी पर्यटकों को यह बताना है कि दुबई उनके स्वागत के लिए तैयार है।
नवंबर में ‘सिटी स्कैप ग्लोबल’ प्रॉपर्टी शो दुबई में होगा। पर्यटन क्षेत्र का यूएई की जीडीपी में 11.1% योगदान है। कोरोना संकट का इस क्षेत्र पर सबसे गहरा असर पड़ा है। अब सरकार ने यूएई का वीसा वाले ऐसे 2 लाख विदेशियों को वापस आने की मंजूरी दी है, जो कोरोना के कारण अन्य देशों में फंस गए हैं।
अब केवल 6 हजार लोगों का इलाज चल रहा
आबादी | 98.9 लाख |
कोरोना टेस्ट | 57.70 लाख |
कुल मरीज | 63,212 |
ठीक हुए | 57,193 |
कुल मौतें | 358 |
आर्थिक मोर्चा: अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटी, सरकार ने 2 लाख करोड़ की मदद की
पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स अर्थव्यवस्था की गति का पैमाना है। यूएई में यह जून में 50.4 पर आ गया। इसका मतलब यह है कि 2020 की पहली छमाही के आखिर में अर्थव्यवस्था पटरी पर आने लगी। अगर यह आंकड़ा 50 के नीचे होता तो माना जाता कि अर्थव्यवस्था सिकुड़ रही है।
अर्थशास्त्री डेविड ओवन बताते हैं कि कई कंपनियां पिछले 10 महीने की तुलना में ज्यादा ऑर्डर प्राप्त कर रही हैं। हालांकि, एक विशेषज्ञ डेविड मैकडम कहते हैं, रिटेल सेक्टर में 20-80% तक की गिरावट देखी गई है। उधर, सरकार ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए करीब 2 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज जारी किया है। इसका मकसद व्यवसाय और रोजगार बचाना है।
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