पहली बार 15 अगस्त को मास्क लगाकर होगी परेड, पुलिस कर्मियों ने की रिहर्सल, विश्व आदिवासी दिवस आज https://ift.tt/33DRdwc
सूरत समेत देश मे एक तरफ कोरोना महामारी से लोग परेशान हैं। कोरोना संक्रमण की परिस्थितियों को ध्यान में रखते शहर में प्रशासन द्वारा कई धार्मिक एवं सामाजिक पर्वों पर रोक लगाई गई है। वहीं 15 अगस्त को लेकर जरूरी तैयारियां शुरू की गई हैं। आठवा लाइंस स्थित पुलिस परेड ग्राउंड में पुलिस कर्मी एवं ट्रैफिक ब्रिगेड कर्मियों को परेड की रिहर्सल करवाई गई।
हालांकि इस साल कोरोना संकट और बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग सहित सभी आवश्यक सावधानियां बरतने के साथ देश का यह पर्व मनाया जाएगा। 15 अगस्त के अवसर पर पुलिस परेड ग्राउंड में हर साल पुलिस विभाग द्वारा ध्वजारोहण सहित विशेष कार्यक्रम किए जाते हैं। परेड की रिहर्सल के साथ तैयारियां शुरू की गई है।
सचिवालय गोलीकांड में हुई थी 4 छात्रों की मौत
11 अगस्त 1942 को सचिवालय पर झंडा फहराने दिन के दो बजे निकले छात्रों के हुजूम पर पटना के तत्कालीन डीएम डब्लू जी आर्चर के आदेश पर शाम 4.57 बजे गोली चली। 4 छात्रों की मौत मौके पर ही हो गई। तीन की अस्पताल में मौत हुई। गोली लगने से घायल एक छात्र की मौत एक दिन बाद हुई जिसका नाम आजतक अज्ञात है। सात शहीदों की याद में आजादी के बाद विधानसभा के सामने शहीद स्मारक बना। आठवें अज्ञात शहीद का जिक्र प्रो.बलदेव नारायण की पुस्तक ‘अगस्त क्रांति’ में है जो बिहार राज्य अभिलेखागार से प्रकाशित है।
दर्दनाक: दम तोड़ती प्रतिभा
आज विश्व आदिवासी दिवस पर हम एक ऐसे शख्स की तस्वीर साझा कर रहे हैं, जो दिव्यांग होने के साथ-साथ नेशनल फुटबॉलर और कबड्डी खिलाड़ी हैं। अपनी प्रतिभा से झारखंड का नाम रोशन करने वाले 22 वर्षीय जग्गा कच्छप आज दिहाड़ी मजदूरी करने को मजबूर हैं। डुमरगढ़ी टोड़ाग जोन्हा के रहनेवाले जग्गा इंटर तक पढ़े हैं लेकिन पैसे के अभाव में पढ़ाई छूट गई। अब हर दिन महज 240 रुपए कमा कर अपना घर चला रहे हैं। सरकार आखिर कब ऐसे खिलाड़ियों की सुध लेगी।
बूढ़ी गंडक नदी की पेटी में डूबे घर निकलने लगे बाहर
समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक के जलस्तर में एक मीटर से ज्यादा की आई गिरावट बाद पेटी में डूबे हुए घर बाहर निकलने लगे हैं। बहादुरपुर व धरमपुर इलाके में बांध की पेटी में बसे 150 से अधिक परिवार की झोपड़ी नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद पूरी तरह से डूब गई थी। जिसके बाद से वे बांध पर शरण लिए हैं। अब एक सप्ताह से पानी घटने की प्रवृति के बाद उनके घरों के छत दिखने शुरू हो गए हैं। ऐसे में 10-15 दिन में घर से पूरा पानी निकलने की उम्मीद के बीच घर के गिरने व नया घर बनाने की चिंता भी पीड़ितों को सताने लगी है।
प्रशासन बेखबर, व्यवस्था पर सवाल
छपरा में बाढ़ पीड़ितों की वास्तविक स्थिति क्या है यह आप इस तस्वीर को देखकर अंदाजा लगा सकते है। यह तस्वीर तरैया के भटगाई पंचायत के मौलनापुर गांव की वार्ड नम्बर 13 की है। जहां राजा भगत की पत्नी ममता देवी गर्भवती थी। जब उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुआ तो अस्पताल पहुंचाने के लिए परिजनों ने नाव की तलाश की लेकिन उन्हें जब नाव नहीं मिला तो वे प्रसव पीड़ित महिला को खाट पर लेटा दिए और चार-पांच आदमी मिलकर खाट को अपने कंधे पर उठा लिए और अस्पताल लेकर चल दिए।
3 फुट ऊपर बह रहा पानी
बिलासपुर के लपटी एनीकट पर लगातार 3 फुट ऊपर पानी बह रहा है और लोग अपनी जान जोखिम में डालकर पैदल उस पुल को पार करने की कोशिश कर रहे हैं। क्षेत्र में हो रही लगातार भारी बारिश को लेकर मौसम विभाग ने भी अलर्ट जारी कर दिया है।
टिपटा में नाले के लिए खोद दी सड़क
नगर निगम की लापरवाही के कारण 20 दिन से टिपटा और कैथूनीपोल इलाके के 25 हजार लोग परेशानी झेल रहे हैं। दरअसल टिपटा से कैथूनीपोल थाने तक सीसी रोड का काम चल रहा है। इसी दौरान करीब 20 दिन पहले नया नाला बनाने के लिए पुराना नाला खोद दिया गया। नाले के लिए दुकानों के सामने से खुदाई की गई, जिससे व्यापारी भी परेशान हैं। वहीं नगर निगम के एसई का कहना है कि यहां केवल सड़क बनानी थी, लेकिन लोगों की डिमांड पर नाले का काम शुरू किया गया है। पानी भरने की समस्या को दूर करने के लिए स्थायी नाला बनाने से वक्त लग रहा है।
3 साल का तेंदुआ पिंजरे में
रामपुर की झाकड़ी पंचायत में शुक्रवार रात को 3 साल का तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया। कुछ दिन पहले यहां तेंदुए ने एक पालतु कुत्ते और तीन खरगोशों का शिकार किया था। लोगों मे दहशत थी। वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए तीन अगस्त को लोगों की निशानदेही पर पिंजरा लगा दिया और पिंजरे में जिंदा कुत्ता रख दिया। तेंदुआ कुत्ते का शिकार करने पिंजरे में घुसा लेकिन कैद हो गया। कुत्ता सुरक्षित है। पिंजरे में दो कैबिन होते हैं एक में शिकार रखा जाता है और दूसरा खाली होता है। तेंदुए के पिंजरे में आते ही पहला कैबिन लॉक हो गया।
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