कोख में पल रहे बच्चे को हुआ संक्रमण, गर्भनाल में मिले कोरोना के कण और दिखी अजीब सी सूजन https://ift.tt/3gWAEio
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अमेरिका में प्रेग्नेंसी के दौरान नवजात में कोरोना का संक्रमण होने का मामला सामने आया है। डॉक्टरों के मुताबिक, ऐसे प्रमाण मिले हैं जो बताते हैं कि बच्चीमें संक्रमण प्रेग्नेंसी के दौरान हुआ। मां की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद नवजात बच्ची को तत्काल आईसीयू में ले जाया गया। डिलीवरी के दूसरे दिन बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
उसमें कोरोना संक्रमण के दो लक्षण दिखे। वह बुखार से परेशान थी और सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। वैज्ञानिकों ने अमेरिका के टेक्सास में जन्मी बच्ची की गर्भनाल जांचीतो उसमें कोरोना के कण मिले और एक अजीब सी सूजन दिखी। वैज्ञानिकों की टीम का कहना है येप्रमाण बताते हैं कि बच्ची कोसंक्रमण कोख में ही हुआ।
कोरोना भी गर्भाशय तक पहुंच सकता है
इटली के वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले हफ्ते कोख में वायरस के ट्रांसमिशन का मामला मिला है। कॉर्ड के ब्लड और गर्भनाल में कोरोना पाया गया है। महामारी की शुरुआत से ही गर्भाशय में संक्रमण फैलने पर रिसर्च की जा रही है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, एचआईवी, जीका और दूसरे वायरस कोख में पल रहे बच्चे को संक्रमण संक्रमित कर सकते हैं। लेकिन, हाल में जो मामले सामने आए हैं उससे यह पता चलता है कि कोविड-19 के मामले में भीऐसा हो सकता है।
गर्भ में संक्रमण के प्रमाण वालीपहली स्टडी
बच्ची के मामले पर रिसर्च करने वाली टेक्सास यूनिवर्सिटी की डॉ. अमांडा इवान्स कहती हैं कि हाल ही में कई ऐसे नवजातों की डिलीवरी हुई है, जिनकी मां को कोविड-19 था लेकिन नवजात में कोरोना में नहीं पाया गया। यह पहला ऐसा अध्ययन है जो बताता है कि प्रेग्नेंसी में कोरोना संक्रमण हो सकता है क्योंकि गर्भनाल की कोशिकाओं में कोरोना के प्रमाण भी साबित हुए हैं।
समय से 3 हफ्ते पहले हो गईडिलीवरी
शोधकर्ता के मुताबिक, नवजात प्री-मैच्योर थी। उसकी तय समय से 3 हफ्ते पहले डिलीवरी हुई है, क्योंकिलेबर पेन होने से पहले ही बच्चा जिस थैली में था, उसकीमेम्ब्रेन फट गई है। 40 फीसदी बच्चों की प्री-मैच्योर डिलीवरी होने की यही वजह रहती है। ज्यादातर संक्रमण भी इस दौरान होता है। क्या यही स्थिति कोरोनावायरस के कारण बनी थी, अब तक यह साफ नहीं हो पाया है।
21वें दिन डिस्चार्ज किया गया
नवजात की डिलीवरी के दूसरे दिन उसमें बदलाव दिखे। उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और बुखार भी था। पहले इसकी वजह प्री-मैच्योर डिलीवरी को समझा गया लेकिन, रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे कई दिनों तक ऑक्सीजन दी गई, लेकिन वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ी। 21वें दिन पूरी तरह से स्वस्थ होने पर मां और बच्चीको डिस्चार्ज कर दिया गया।
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