पोलैंड के स्टूडेंट्स ने दी बाबूजी हरिवंश राय बच्चन की 'मधुशाला' को आवाज, वीडियो शेयर कर बिग बी ने लिखा- मेरे आंसू बह निकले https://ift.tt/3fP4aX7
महानायक अमिताभ बच्चन 11 दिन से नानावटी हॉस्पिटल के कोविड आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं। बावजूद इसके वे सोशल मीडिया पर अपनी मौजूदगी बनाए हुए हैं। मंगलवार शाम बिग बी ने यूनेस्को द्वारा सिटी ऑफ लिट्रेचर का दर्जा प्राप्त पोलैंड के व्रोकलॉ शहर का एक वीडियो साझा किया, जिसमें यूनिवर्सिटी के कुछ स्टूडेंट उनके बाबूजी डॉ. हरिवंश राय बच्चन की फेमस रचना मधुशाला गाते दिखाई दे रहे हैं। बिग बी की मानें तो वे इस वीडियो को देखने के बाद इतने इमोशनल हो गए कि अपने आंसू नहीं रोक पाए।
T 3601 - I am moved to tears !
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) July 21, 2020
Wroclaw, Poland was awarded UNESCO City of Literature, today they organised a recitation of Babuji’s Madhushala by University students on the roof of the University building. They pass the message Wroclaw is a City of Dr Harivansh Rai Bachchan. pic.twitter.com/Rvl4q7Liof
अमिताभ ने लिखा- मेरे आंसू बह निकले
अमिताभ ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, "मेरे आंसू बह निकले। व्रोकलॉ, पोलैंड को यूनेस्को सिटी ऑफ लिट्रेचर से सम्मानित किया गया था। आज उन्होंने यूनिवर्सिटी की छत पर स्टूडेंट द्वारा बाबूजी की मधुशाला का गायन करवाया। उन्होंने संदेश दिया है कि व्रोकलॉ डॉ. हरिवंश राय बच्चन का शहर है।"
क्या है सिटी ऑफ लिट्रेचर सम्मान
सिटी ऑफ लिट्रेचर यूनेस्को के व्यापक 'क्रिएटिव सिटी नेटवर्क' के 7 क्रिएटिव फील्ड में से एकहै। 2004 में यह नेटवर्क लॉन्च किया गया था। लिट्रेचर के अलावा इस नेटवर्क में दूसरे क्रिएटिव फील्ड क्राफ्ट और फोक आर्ट्स, डिजाइन, फिल्म, गैस्ट्रोनॉमी, मीडिया आर्ट्स और म्यूजिक हैं। सिटी ऑफ लिट्रेचर में शामिल होने के लिए शहर को यूनेस्को के क्राइटेरिया पर फिट बैठना होता है। व्रोकलॉ को 2019 में यह सम्मान दिया गया गया।
अस्पताल मे बाबूजी को बहुत याद कर रहे बिग बी
अस्पताल में अमिताभ बच्चन बाबूजी को बहुत याद कर रहे हैं और उनकी कविताएं भी सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं। रविवार को उन्होंने ऐसी ही एक कविता उन डॉक्टर्स को समर्पित की थी, जो कोरोना से संक्रमित बच्चन परिवार का इलाज कर रहे हैं।
T 3599 -मैं हूँ उनके साथ, खड़ी जो सीधी रखते अपनी रीढ़।
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) July 19, 2020
कभी नहीं जो तज सकते हैं⁰अपना न्यायोचित अधिकार,⁰
कभी नहीं जो सह सकते हैं⁰शीश नवाकर अत्याचार,⁰
एक अकेले हों या उनके⁰साथ खड़ी हो भारी भीड़;⁰
मैं हूँ उनके साथ, खड़ी जो सीधी रखते अपनी रीढ़।
~ HRB
to them that protect us
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