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कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह पर FIR दर्ज करने की मांग की, विधायक भंवर लाल और विश्वेंद्र को निकाला https://ift.tt/3972PIA

Congress demands FIR against Union Minister Gajendra Singh Shekhawat Image Source : FILE

नई दिल्ली: राजस्थान में राजनीतिक खींचतान लगातार के बीच कांग्रेस पार्टी लगातार आरोप लगा रही है कि भारतीय जनता पार्टी ने षडयंत्र रचकर राज्य की कांग्रेस सरकार को गिराने का प्रयास किया है और सचिन पायलट ने इस षडयंत्र में भारतीय जनता पार्टी का साथ दिया है। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, "एसओजी को गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए।"

सुरजेवाला ने 2 ऑडियो टेप का जिक्र करते हुए बीजेपी पर सरकार को अस्थिर करने और उसे गिराने की साजिश का आरोप लगाया और केंद्रयी मंत्री व बीजेपी नेता गजेंद्र सिंह शेखावत की गिरफ्तारी की मांग की।

सुरजेवाला ने कथित ऑडियो टेप के हवाले से भंवर लाल शर्मा (विधायक) और संजय जैन (बीजेपी नेता) की बातचीत का जिक्र किया। कांग्रेस ने भंवर लाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह को पार्टी से निकाल दिया है और उनकी प्राथमिक सदस्ता रद्द कर दी है।

इस दौरान मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार के गठन का जिक्र करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच बीजेपी ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराने का दोषपूर्ण काम किया। यही काम बीजेपी अब राजस्थान में करने की कोशिश कर रही है लेकिन इस बार उन्होंने गलत राज्य को छेड़ दिया है।

सुरजेवाला ने कहा, "ऐसा लगता है कि बीजेपी की सरकार कोरोना और चीन से लड़ने के बजाय चुनी हुई सरकारों को गिराने की साजिश में लगी है।"

कांग्रेस नेता ने कहा कि सचिन पायलट को सामने आकर इस सच्चाई को उजागर करना चाहिए और विधायकों की लिस्ट जारी करनी चाहिए। बता दें कि पिछले लगभग 1 हफ्ते से राजस्थान में राजनीतिक हलचल बहुत तेज हो गई है। सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ गुरुग्राम के एक होटल में रुके हुए हैं और लगातार राज्य सरकार पर अपनी मांगे मनवाने का दबाव डाल रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट की मांगों को फिलहाल मानने से इनकार किया है और उन्हें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद तथा उप मुख्यमंत्री पद से हटा दिया है। सचिव पायलट के अलावा उनके समर्थक मंत्रियों को भी हटा दिया गया है साथ में विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से नोटिस दिया गया है। 



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