भारत के नक्शे के साथ कम्युनिटी ट्रांसमिशन के अलर्ट वाला वायरल ग्राफिक झूठा, सरकार और विशेषज्ञों ने इसे खारिज किया
क्या वायरल : India in Pixels की तरफ से जारी किया गया एक इंफोग्राफिक। इसमें देश के नक्शे पर चिन्हित करके बताया गया है कि किन-किन राज्यों में कोविड-19 का कम्युनिटी ट्रांसमिशन दस्तक दे सकता है। सबसे ज्यादा खतरा तेलंगाना राज्य में दिखायागया है।
- नक्शे में हर राज्य के ऊपर एक प्रतिशत लिखा हुआ है। इसी प्रतिशत के आधार पर कम्युनिटी ट्रांसमिशन के खतरे का आकलन किया गया है। अब ये प्रतिशत कहां से आया? इस प्रतिशत को निकालने के लिए एक फॉर्मूला है, जो नक्शे पर ही लिखा है।
- दिए गए फॉर्मूले के अनुसार, राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या को घटाना है। फिर इसे 100 से गुणा (मल्टीप्लाई) करना है। अब इस संख्या को क्वारैंटाइन लोगों की संख्या से भाग (डिवाइड) करना है।
सोशल मीडिया पर इस नक्शे को शेयर करते हुए कम्युनिटी ट्रांसमिशन कीचेतावनी दी जा रही है
- नक्शे पर India in Pixels लिखा हुआ है। हमने इस नाम के पेजसोशल मीडिया पर ढूंढना शुरू किए। इसी नाम का एक फेसबुक पेज मिला, जहां कई आंकड़ों को भारत के नक्शे पर इंफोग्राफिक के रूप में पोस्ट किया जाता है। बड़ी संख्या में लोग इन पोस्ट्स को शेयर भी करते हैं।
- कम्युनिटी ट्रांसमिशन वाली फोटो का यहां लंबा स्पष्टीकरण भी दिया गया है। ये स्पष्टीकरण बाद में जोड़ा गया है। क्योंकि इसके आगे एडिटेड लिखा हुआ है। शेयर करने वाले यूजर यदि इसे ही ध्यान से पढ़ लेते। तो न ही इसे सही माना जाता। न ही इसे शेयर किया जाता।
- डिस्कलेमर में साफ लिखा है कि इस इंफोग्राफिक को देखकर घबराएं नहीं। हम संक्रमण को लेकर कोई दावा नहीं कर रहे हैं। यानी एक तरफ इंफोग्राफिक में लिखा है Risk of Community Transmission। दूसरी तरफ डिस्कलेमर में लिखा है कम्युनिटी ट्रांसमिशन को लेकर कोई दावा नहीं कर रहे हैं।
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गौर करने वाली बात है कि पहले ये डिस्कलेमर नहीं डाला गया था। पोस्ट सोशल मीडिया पर जब वायरल हो गई उसके बादकैप्शन को एडिट करके स्पष्टीकरण लिखा गया। पहले सीधे तौर पर India in Pixels ने ये दावा किया था कि भारत के इन राज्यों में कोरोना के कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा है।
- ट्विटर हैंडल पर भी India in Pixels ने मैप कोरीट्वीट करके सफाई दी है। जिसमें लिखा है कि ये फॉर्मूलाकेवल एक मोटे तौर पर किया गया अनुमान है, यह कोई अनुमान नहीं है।
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तेलंगाना सरकार नेखास तौर पर इस नक्शे को लेकरएक प्रेस नोट जारी किया है। इसमें न सिर्फ कम्युनिटी ट्रांसमिशन के आकलन के लिए उपयोग किए गए फॉर्मूले को बेबुनियाद बताया है। बल्कि इसे तथ्यात्मक रूप से भी गलत कहा है।
- तेलंगाना सरकार के प्रेस नोट में यह भी कहा गया है कि आईसीएमआर पहले ही घोषित कर चुका है कि राज्य में कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं है।
- तेलंगाना सरकार ने नक्शे में दिए गएफॉर्मुले के आधार पर राज्य में क्वारैंटाइन मरीजों की संख्या और पॉजिटिव व ठीक होने वाले मरीजों की संख्या का कैलकुलेशन करके बताया है। इस कैलकुलेशन के अनुसार तेलंगाना का आंकड़ा 0.198% होगा। जबकि नक्शे में इसे 122% बताया गया है। हालांकि, ये भी स्पष्ट किया गया है कि इस्तेमाल किया गया फॉर्मूला रेंडम है। जिसका कोई आधार नहीं है।
- इस फॉर्मूले के आधार पर कम्युनिटी ट्रांसमिशन की दलील में कितनी सच्चाई है। यह जानने के लिए हमने आईसीएमआर के महामारी एवं संक्रमण से जुड़ी बीमारियों के एक विशेषज्ञ से बात की।
- उन्होंनेबताया कि वर्तमान में वैज्ञानिक डॉ. रेड्डी की थ्योरी के आधार पर ही कम्युनिटी ट्रांसमिशन घोषित किया जाता है। वह ये है कि अगर वायरस से संक्रमित 70% मरीजों के संक्रमण की जानकारी ही सरकार के पास न हो, तो वह कम्युनिटी ट्रांसमिशन होगा। इस थ्योरी के आधार परकम्युनिटी ट्रांसमिशन की दस्तक वाली बात भ्रामक है।
- आईसीएमआर के महामारी विशेषज्ञ ने स्पष्ट कहा : नक्शे में जिन पैमानों पर कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात कही जा रही है। वह बेबुनियाद हैं।
निष्कर्ष :वायरल नक्शे में जिस फॉर्मुले के आधार पर कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात कही जा रही है। वह निराधार है। तेलंगाना सरकार के साथ ही आइसीएमआर के विशेषज्ञ ने भी इसे सिरे से खारिज कर दिया है।
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